Himachal
प्रदेश के कांगड़ा जिले के एक दूरस्थ गांव में खुदाई के दौरान एक रहस्यमयी लोहे की तिज़ोरी मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। गांववालों का दावा है कि यह तिज़ोरी कम से कम 150 साल पुरानी है, और यह ब्रिटिश शासनकाल के दौरान यहां छिपाई गई थी।
तिज़ोरी की खोज उस वक्त हुई जब गांव के एक बुजुर्ग ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर नई नींव खुदवाने का काम शुरू करवाया। खुदाई के दौरान मजदूरों का फावड़ा किसी कठोर धातु से टकराया। कुछ गहराई तक खुदाई करने के बाद एक भारी भरकम तिज़ोरी सामने आई।
स्थानीय लोगों ने तुरंत पंचायत को सूचना दी। खबर जंगल की आग की तरह फैली और पुलिस व पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अभी तक तिज़ोरी को खोला नहीं गया है, लेकिन इसके चारों तरफ की बनावट पर पुराने ब्रिटिश चिन्ह और उर्दू में कुछ खुदाई हुई है। इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि यह तिज़ोरी या तो किसी अंग्रेज़ अफसर की हो सकती है या किसी राजघराने की।

पुरातत्व विभाग ने इसे एक संवेदनशील ऐतिहासिक खोज बताया है और फिलहाल तिज़ोरी को कब्जे में लेकर विशेषज्ञों की निगरानी में रखा गया है। ग्रामीणों की मानें तो इलाके में पहले भी कुछ रहस्यमयी घटनाएं हो चुकी हैं और ऐसी बातों की कहानियां पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आई हैं।
अब सबकी नज़रें इस पर टिकी हैं कि आखिर तिज़ोरी के अंदर क्या है? क्या यह खज़ाना है? कोई ऐतिहासिक दस्तावेज़? या फिर कुछ ऐसा जो भारत के इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ दे?